: हम किसी से कम नही :- हथियार रखने के मामले में यूपी, पंजाब के साथ मध्यप्रदेश की महिलाएं टॉप थ्री में....

Admin
Mon, May 27, 2024
यूं तो देश में पुरुषों के मुकाबले सिर्फ एक फीसदी महिलाओं को सुरक्षा के लिए हथियारों की जरूरत महसूस होती है लेकिन लाइसेंसी हथियारों के शौक में मध्यप्रदेश की महिलाएं तीसरे पायदान पर है...... भोपाल(मध्यप्रदेश) पितृसत्तात्मक समाज में महिलाएं ब पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ रही है वे लड़ाकू विमान उड़ा रही है देश की सरहदों की रक्षा कर रही है अंतरिक्ष में पहुंच रही है एवरेस्ट फतह कर रही है। खेती में भी पीछे नहीं है कुल मिलाकर आधी आबादी अब चूल्हा चौका तक ही सीमित नहीं है एक ताजी रिपोर्ट से पता चलता है कि बड़ी तादाद में महिलाएं अपनी सुरक्षा और शोक के लिए हथियार भी रखने लगी है। यूं तो देश में पुरुषों के मुकाबले सिर्फ एक फीसदी महिलाओं को सुरक्षा के लिए हथियारों की जरूरत महसूस होती है। लाइसेंसी हथियारों के शौक में मध्य प्रदेश की महिलाएं देश में तीसरे पायदान पर हैं मध्य प्रदेश में कुल 2 लाख 94 हजार 95 लाइसेंसी हथियार दर्ज है इनमें से 4190 लाइसेंस महिलाओं के नाम पर है, हालांकि कुल लाइसेंसी हथियारों के मुकाबले महिलाओं का आंकड़ा कम भले हैं लेकिन यह लगातार बढ़ रहा है। देश में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 20000 महिलाओं के पास लाइसेंसी हथियार है दूसरे नंबर पर पंजाब है जहां 4700 महिलाऐं लाइसेंसी हथियार रखती है,1700 हथियार रख हिमाचल की महिलाएं चौथे नंबर पर है, पॉंचवी पायदान पर हरियाणा है यहां 1404 महिलाएं हथियार रखती है। वहीं दिल्ली में 854 और चंडीगढ़ में 444 महिलाओं के पास लाइसेंसी हथियार है। दिखावा नहीं अब बचाव के लिए हो रहे है जतन........ विशेषज्ञों का कहना है कि परिदृश्य अब बदलने लगा है लोग दिखाने वाला हथियार रखने के बजाय छोटे हथियार को तवज्जो देते हैं जो बचाव के लिए हो और उसे रखना भी आसान हो खेतों में मकान और बॉर्डर के नजदीक अभी लोग बंदूक खरीदने हैं 90 फ़ीसदी लोगों की पहली पसंद अब पिस्टल है। 23 लाख से ज्यादा महिलाओं के पास है खेत.... बात महिलाओं की हो रही है तो इसी से जुड़ी एक खबर और है क्या है कि मध्य प्रदेश में महिलाओं का खेती के प्रति भी रुझान बड़ा है। कृषि जनगणना के अनुसार महिलाओं के नाम वाले खेतों की संख्या में 170.25 फीसदी का इजाफा हुआ हैं तो वहीं महिलाओं के खेती करने वाले क्षेत्रफल में 113.25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है वर्ष 2010 -11 में जहां महिलाएं 12.14 लाख हैक्टेयर रकबे पर खेती कर रही थी,वर्ष 2021 - 22 में यह रकबा बढ़कर 25.67 लाख हेक्टेयर हो गया है।पहले महिलाओं के पास खेतो की संख्या 8.54 लाख थी , जो अब 23.09 लाख हो गई है।

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