: रेत घाटों पर बिहार - यूपी जैसे माफिया राज...नियंत्रण से बाहर होते हालात...

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Sun, May 5, 2024
** विधानसभा में धर्मजीत की गर्जना और ओ
पी द्वारा की गई घोषणा भी रहा बेअसर...
** एनजीटी के नियमों को खुलेआम धत्ता,
हजारों मजदूर हो रहे है रोजगार से वंचित...
** गरियाबंद जिले में भी बेकाबू होते हालात,
उग्र और विस्फोटक स्थिति कभी भी...
** पंद्रह दिनों की महाआरती - जयकारों के बाद
गंगा स्वरुपिणी महानदी मईया रेत माफियाओं के हवाले...
डेकेश्वर (डीके) ठाकुर
गरियाबंद । छत्तीसगढ़ प्रदेश में लगभग 200 से अधिक रेत घाट है इनमें से मात्र 40 घाटों को ही एनजीटी की ओर से क्लीयरेंस मिला है शेष लगभग 160 से 170 घाटों में धल्लड़े के साथ चौबीसों घंटेअवैध खनन हो रहा है इन रेत घाटों पर रेत सिंडिकेटो का यूपी -बिहार की तर्ज पर माफिया राज चलता है यहां कानून व्यवस्था मृगमारिचिका की तरह नजर आती है घाटों में इनके अपने नकाबपोश गुर्गो- बाउंसरो के साथ एक एस्ट्रोसिटी सेल भी होता है जिनका उपयोग में अपने अवैध गतिविधियों के निर्बाध मानमाफिक संचालन में आवश्यकता अनुसार करते हैं अब तक विभिन्न जिलों में इनके द्वारा खनिज अमलो , कव्हरेज के लिए पहँचे पत्रकारो के साथ विरोध करने वाले जनप्रतिनिधियों पर हमले किए जा चुके है । पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ रेत के खेल का अवैध कारोबार मौजूदा सरकार के 4 महीने के कार्यकाल में पूरे शबाब पर नजर आ रहा है गौरतलब है कि पिछले मार्च के दौरान टेंडर के माध्यम से रेट घाट का आवंटन किया गया था जो आज पर्यंत शासन द्वारा हैंडओवर नही किया जा सका है इस तरह पिछले 1 वर्षों से प्रदेश के सभी रेत घाटों पर में रेत माफिया द्वारा निर्बाध - अनवरत रुप से दिन - रात अवैध खनन किया जा रहा हैं यदि जानकारो की माने तो सरकार को रेत घाटों से 100 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन प्रदेश में रेत का अवैध कार्य सालाना कारोबार 900 से 950 करोड़ के बीच होता है जाहिर है इतना बड़ा कारोबार बिना स्थानीय जनप्रतिनिधियों खनिज राजस्व एवं पुलिस हमले के नाको के नीचे बिना मिलीभगत के हो जाए संभव नहीं लगता, प्रदेश के पांचो संभाग रायपुर, दुर्ग, बस्तर, बिलासपुर, सरगुजा के अधिकतर जिलों में रेत के अवैध उत्खनन का खेल जोरों पर है घाटों में बैठे रेत माफिया लोडिंग एवं रॉयल्टी चार्ज सहित 8000 से ₹10000 तक वसूल रहे हैं परिवहन बाड़ा जोड़ने के बाद रेत की कीमत आसमान छुने लगी है जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ने लगा है । माफियाओं द्वारा प्रदेश का रेत ऊँची दामों पर सीमावर्ती राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में भी भेजे जाने के समाचार हैं मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के दो ही तीन घाटों को रॉयल्टी पर्ची जारी की गई है शेष घाट अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं।
विधानसभा में धर्मजीत की गर्जना और
ओपी की घोषणा भी रही बेअसर...
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बीते बजट सत्र के दौरान 20 फरवरी को प्रदेश के रेत घाटों पर हो रहें अवैध खनन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के ही वरिष्ठत्तम दबंग विधायक धर्मजीत सिंह ने सरकार को घूरते हुए चुनौती की अभी मेरे साथ ही हेलीकॉप्टर से सर्वे के लिए चलिए यदि प्रदेश की रेत घाटों में 200 से अधिक पोकलेन चैन माउंटेन नहीं मिले तो मैं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा । मुद्दे पर गहमा गहमी के बीच सदन में अधिकांश सदस्यों ने उनकी बातों का समर्थन किया तब वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने समूचे प्रदेश में रेत माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ने की घोषणा की थी जो आज मैदानी स्तर पर बेअसर साबित हो रहा है हालात तब से और भी बदत्तर और बेलगाम नजर आ रहा हैं।
एनजीटी के नियमों को खुलेआम धत्ता...
हजारों मजदूर हो रहे रोजगार से वंचित...
रेट घाटों में निगमों को ताक में रख बेतरतीब - बेहिसाब खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान होने के साथ प्रदेश की नदियों पर अस्तित्व का संकट मंड़राने लगा है।अनगिनत पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं नियमों के मुताबिक सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही खनन और लोडिंग का कार्य मशीन से ना करा कर मैनुअली यानी मजदूरों से ही कराये जाने का प्रावधान है। लेकिन मौजूद समय में एनजीटी के नियमों के प्रतिकूल घाटों पर 24घंटे उत्खनन का कार्य जारी रख माफियाओं द्वारा मशीनों से लोडिंग का कार्य कराया जा रहा है जिससे प्रदेश के रेत घाटों व आसपास के रहवासी मजदूरों को उनके रोजगार के हक से वंचित होना पड़ रहा है, मशीनों से मिट्टी -मुरम की तह तक खुदाई से नदियों के आसपास के क्षेत्रों मे से निरंतर भूजल स्तर साल दर साल तेजी से नीचे गिर रहा है।
गरियाबंद जिले में भी हालात बेकाबू -
उग्र और विस्फोटक स्थिति कभी भी...
जिले गिनती के चुनिंदा वैध रेत घाटों की आड़ में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक अवैध घाटों से रेत खनन का विगत चार महिनों चल रहा गोरख धंधा जोरो पर है जिला प्रशासन द्वारा गौण खनिज के अवैध खनन ,परिवहन और भंडारण के मॉनिटरिंग के लिए गठित चार टीमो बावजूद यहां से भी प्रतिदिन 350-400 ,हाईवा रेत की चौबीसों घंटे अवैध निकासी निर्बाध रुप से जारी हैं प्रदेश का सुशासन रथ रेत घाटों में धंसा दिखाई दे रहा हैं। हाईवा ओनर संघ द्वारा रेत घाटों में बेहिसाब लोडिंग चार्ज लिए जाने की शिकायत रायपुर कलेक्टर को किए जाने और रेत माफिया के गुर्गो द्वारा राजिम के युटुबर नागेंद्र निषाद से मारपीट के रिपोर्ट के पश्चात बुधवार को की गई धर पकड़ और वाहनो की जप्ती की कार्यवाही के बाद पिछले चार महिनों से चल रहें अवैध खनन पर चुप्पी साधे क्षेत्रीय विधायक की मुखरता और अनुविभागीय अधिकारी राजिम के द्वारा पॉंच पंचायतों के सरपंच सचिवों को अवैध खनन के मामले पर कारण बताओं नोटिस जारी किये जाने के बावजूद माफियाओं की दबंगई और अवैध खनन रुकने का नाम नही ले रहा है जहां राजिम से लगे अवैध घाट पर खनन - परिवहन बदस्तूर जारी है वही शनिवार को रेत माफिया के गुर्गो द्वारा हथखोज घाट में गांव वालों से मारपीट की गई नाराज ग्रामीण इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करने की तैयारी में हैं ऐसा नहीं किया रेत माफियाओं के गुर्गो की दबंगई का पहला मामला हैं इसके पूर्व मे़ भी बीते जनवरी माह में जिले के कुटेना रेत घाट पर कार्यवाही के लिए गये खनिज विभाग के अमले पर दर्जन भर गुर्गो द्वारा जानलेवा हमला कर गाडियों में तोड़फोड़ की गई थी कर्मचारीयों ने मौके से भागकर अपनी जान बचायी थी, चौबेबांधा पुल पर खड़े हो अवैध खनन की कव्हरेज कर रही जिले की एक जीवट महिला पत्रकार के साथ घाट के नकाबपोश गुर्गो द्वारा दुर्व्यवहार करते हुए एस्ट्रोसिटी एक्ट में फसाने की धमकी दी गई थी आज की मौजूदा परिस्थितियों में अवैध घाट वाले प्राय:अधिकतर गावों में दो -पार्टी व तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई हैं यदि समय रहते प्रशासन द्वारा इस गंभीर मसले पर कारगर कदम नहीं उठाया गया तो वहां कभी भी उग्र - विस्फोटक स्थितियां सामने आ सकती है।
15 दिनों की महाआरती -जयकारों के बाद गंगा स्वरुपिणी
महानदी मईया रेत माफियाओं के हवाले...
छत्तीसगढ़ की धर्मधारा प्रयागराज के रुप में चर्चित राजिम की मोक्षदायनी- जीवनदायनी महानदी को कुंभ के दौरान गंगा स्वरूप मान 15 दिनों की महाआरती और जयघोषों के बाद कुंभ मेले की डेरा ड़ंड़ी उठते ही रेत के अवैध खनन की आड़ में सीना छलनी करने रेत माफियाओं के हवाले कर दिया जाता है।
आज महानदी मईया अवैध खनन के मामले पर स्थानीय जिम्मेवार जनप्रतिनिधि वह कुंभ मेले के दौरान गंगा आरती के समय सजधज कर फोटो शूट करने वाले तथाकथित धर्मालंबियों की अघोषित, अनुबंधित तटस्थ्यता पर आंसू बहाने को विवश है, कभी कुंभ आयोजन में मुरम की सड़क बनाये जाने की आड़ में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मंदिर परिसर में हुज्जतबाजी करने वाले महानदी बचाओ आंदोलन के कर्ताधर्ता भी आज रेत खनन की आड़ में हो रहे महानदी की दुर्दशा के प्रति आंखें मूंदे बैठे हैं , महानदी व त्रिवेणी संगम के आसपास के अहम दायरे में रेत माफियाओं द्वारा मनमाफिक - बेहिसाब मिट्टी - मुरम तह तक खनन से जहां नदी मैदान के रूप में तब्दील होते नजर आ रहा है वहीं अँचल में भूजल स्तर भी तेजी से गिरने लगा है रबी फसल के दौरान कृषि पंप भी हांफने लगे हैं राजिम क्षेत्र को समूचे धमतरी जिले से जोड़ने वाला पंडित सुंदरलाल शर्मा सेतु भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा हैं।
अँचल के बुद्धजीवियों द्वारा नगर के पुरातत्व, पौराणिक व धार्मिक महत्व के मद्देनजर संगम क्षेत्र के हेड व टेल एरिया के 10 किलोमीटर के दायरे में रेत खनन पूर्णत: प्रतिबंधित किये जाने की मांग शासन प्रशासन से एक लंबे अरसे की जा रही है ताकि नगर की गरिमा के अनुरूप संगम क्षेत्र की मनोहरी प्राकृतिक सुंदरता दीर्घावधि तक बकरार रहे परंतु आज पर्यंत इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं हो पाया है।
** शेष भाग कल...**




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