घाट पर बगैर पचरी के खुले में नहाने ग्रामीण महिलाये मजबूर...
गणेश साहू मुरमुरा (गरियाबंद) 10 मई। आदिवासी विकासखंड छुरा के अंतिम छोर पर बसा ग्राम पंचायत मुरमुरा के वार्ड क्रमांक 01. 05 और 06 के रहवासी मूलभूत सुविधा तक को तरस रहे है। ज्ञात हो कि इस पंचायत में विगत तीन कार्यकाल से एक ही महिला सरपंच का कब्जा है बावजूद महिलाओं की निस्तारी की जगह पर गाँव के प्रमुख घाट (सरगी नाला) पर हनुमान मंदिर के पीछे की दुर्दशा इस चित्र से समझा जा सकता है। महिलाओं के नहाने के गाँव के इस प्रमुख घाट पर कचरे का ढेर तो है ही घास-फूस से पूरा घाट अटा पड़ा है जो स्वछता अभियान के प्रति पंचायत की उदासीनता की कहानी बयान कर रही है। इस घाट पर पंचायत और प्रशासन ने अनेको मांग के बावजूद भी अहाता(दीवार) युक्त पचरी तक का निर्माण नही करवाया गया हैं जिससे चलते महिलायें बगैर अहाते और पचरी के खुले में नहाने विवश है।वे गंदगी और बदबू से रोज दो-चार हो रहे है। उक्त पंचायत के सरपंच और सचिव को इस समस्या का बखूबी भान है बावजूद ग्रामीण महिलाओं को उनके वार्ड में मूलभूत सुविधाओं तक से वंचित रखा जा रहा है जो कि निंदनीय तो है ही महिला सुरक्षा और आत्मसम्मान से खिलवाड़ भी है। पुनः इस समस्या के निदान की दिशा में उक्त तीनों वार्ड के रहवासी और खासकर महिलाओें ने शासन-प्रशासन व ग्राम पंचायत से इस प्रमुख घाट का जीर्णोधार कर शीघ्र ही आहता युक्त पचरी निर्माण की मांग की हैं।