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: एक्टिव हुई ACB टीम : रिश्वतखोरों के लिए 'ब्लेक - फ्राइडे' साबित हुआ कल का दिन...

Admin

Sat, May 18, 2024
     

रायपुर  (छत्तीसगढ़)। बरसों से शांत पड़े एसीबी की कल अचानक हरकत में आई और एक ही दिन में चार जगह ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए चार मामलों में पांच भ्रष्ट सरकारी मुलाजिमों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ जेल की सलाखों के पीछे भेजा। कल शुक्रवार को एसीबी की टीम ने बिलासपुर में राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन को सीमांकन के नाम से 50,000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा प्रार्थी की ओर से एसीबी को मिली शिकायत के अनुसार बिलासपुर भू- अर्जन शाखा में पदस्थ राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन ने प्रार्थी से जमीन सीमांकन करने के नाम पर एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी टीम की योजना अनुसार प्रार्थी जब रिश्वत की रकम लेकर बिलासपुर तहसील कार्यालय में राजस्व निरीक्षक के कक्ष में पहुंचकर जब रकम संतोष देवांगन को दी तभी एसीबी की टीम ने कमरे में दबिश दी और संतोष देवांगन को रंगे हाथ पकड़ लिया इस दौरान जेसीबी की टीम ने कानूनको कार्यालय में आरोपी को बैठक घंटा पूछताछ करती रही।

रिश्वतखोरी के दूसरे मामले में अंबिकापुर में ग्राम हुआ नगर निवेश कार्यालय कार्यालय के सहायक संचालक (सर्वे ) बाल कृष्णा चौहान और सहायक मानचित्र कर नीलेश्वर कुमार ध्रुव को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पैतीस हजार  रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़े इन दोनों अधिकारियों ने रिश्वत की मांग वाड्रफनगर नगर स्थित भूमि के औद्योगिक डायवर्सन करने के अभी मत देने के लिए की थी अंबिकापुर के मोमिनपुरा निवासी वसीम बारी को अपने रिश्तेदार सिराजुल हक वाड्रूफनगर निवासी से पावर ऑफ एटर्नी मिली है उनसे नगर निवेश कार्यालय के अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग अभिमत देने के नाम पर की गई थी, एसीबी की टीम तस्दीक के बाद शुक्रवार को जब मो. वासिम बारी रिश्वत देने कार्यालय पहुंचा तो एसीबी की टीम कार्यालय के बाहर मौजूद थी और इशारा मिलते ही उन्होंने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया सहायक संचालक व सहायक मानचित्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एसीबी की टीम ने तीसरी कार्यवाही कोंडागांव के जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता टी.आर. मेश्राम के शासकीय आवास में की जहां विभाग में कार्यरत ठेकेदार एक्सटेंशन के काम को आगे बढ़ाने के लिए अधिकारी द्वारा बतौर रिश्वत मांगे गए सात लाख रुपये के प्रथम किस्त के रूप में पच्चास हजार रुपये ठेकेदार से अधिकारी को लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा।शिकायतकर्ता ने अधिकारी से बातचीत की रिकॉर्डिंग के साथ एसीबी को शिकायत की थी। एसीबी ने चौथी कार्यवाही रायगढ़ जिले के घरघोड़ा में वन विभाग के डिप्टी रेंजर के खिलाफ की यह कार्रवाई ग्राम कर्मीभौना के ग्रामीण प्रार्थी जगमोहन मांझी की शिकायत के आधार पर की शिकायतकर्ता ने बताया कि वह जंगल से वापस लौट रहा था आरोपी मिलन भगत डिप्टी रेंजर घरघोड़ा रेंज द्वारा जंगली मुर्गा मारने के केस में जेल भेजने का डर दिखाकर आठ हजार रूपये रिश्वत मांगी थी आरोपी अफसर ने तीन हजार रूपए पहले ही ले लिए थे शेष पॉंच हजार की रकम शिकायतकर्ता से लेते हुए एससीबी की टीम ने डिप्टी रेंजर रंगे हाथ पकड़ा ।आरोपी गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि गुड गवर्नेंस के लिए मौजूदा सरकार ने ईओडब्ल्यू और एसीबी को फ्री हैंड दे दिया है सरकार ने भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ कोई भी रियायत न करते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं हालांकि ईओडब्ल्यू और एसीबी राज्य सरकार की स्वतंत्रत जांच ऐजेंसी है उसे अपने ही हिसाब से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है मगर यह सिर्फ कहने का है बिना सरकार से इजाजत लिए एसीबी कोई भी कार्यवाही नहीं कर सकती राज्य सरकारें ऐसा चाहती भी नहीं की स्वतंत्र रुप से ताकतवर हो कर कार्यवाहियां करे।पिछले पॉंच वर्षो से ईओडब्ल्यू और एसीबी के हाथ-पैर बांध दिए गये थे आलम यह रहा कि पॉंच साल में ईओडब्ल्यू और एसीबी ने पॉंच कार्यवाहियां नही की। राजस्थान जैसे राज्य में ईओडब्ल्यू और एसीबी इतनी ताकतवर और सक्षम है कि आईएएस व आईपीएस के अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लेती है इसके विपरीत छत्तीसगढ़ मेें पटवारी,बाबू डिप्टी रेंजर के रैंक से उपर नहीं उठ पाया।

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