: आज का पंचाग : - दिनांक 31 मई 2024 , शुभ दिन - शुक्रवार....

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Thu, May 30, 2024
*🚩आज की हिंदी तिथि*
*🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६*
*🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१*
*⛅🚩तिथि - अष्टमी प्रातः 09:38 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅दिनांक - 31 मई 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - जयेष्ठ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा प्रातः 06:14 तक तत्पश्चात पूर्वा भाद्रपद*
*⛅योग- विष्कम्भ शाम 06:05 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल - प्रातः 10:57 से दोपहर 12:38 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:21*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:11 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 जून 01 से रात्रि 12:59 जून 01 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विश्व तम्बाकू निषेध दिवस*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है और नवमी को लौकी खाना गौ मांस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹चेहरे की झुर्रियां व चमक बढ़ाने के लिए🔹*
*🔸चेहरे पर बुढ़ापे की झुर्रियां पड़ गयी हों तो कड़वे बादाम का तेल, सोने से पहले जरा चेहरे पर रगड़ दो तो बुढ़ापे की झुर्रियों में फायदा होता है ।*
*🔸सरसों के तेल में दही मिलाकर मलें तो भी चेहरे की झुर्रियां व चेहरे का सूखापन हट जायेगा ।*
*🔸आँख के नीचे झुर्रियां पड़ गयी हों तो दूध की ताजी मलाई वहां हलके-हलके मलने से झुर्रियां ठीक होने लगती हैं । अथवा शहद व नींबू का रस मलें ।*
*🔸नींबू का रस व ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर मलें तो चेहरे की चमक बढ़ेगी ।*
*🔹मेधावी व निरोगी संतान हेतु अनुभूत प्रयोग🔹*
*🔸गर्भवती महिला रोज श्रद्धापूर्वक गाय का पूजन कर उसकी कम-से-कम एक परिक्रमा करे, उसे अपने हाथ से रोटी तथा गुड़ खिलाये और सुबह-शाम गोदुग्ध का पान करे तो निश्चित ही आनेवाली संतान फुर्तीली, सशक्त, मेधावी एवं निरोगी होगी और प्रसव भी सहज ढंग से होगा ।*
*🔸प्रसव-पीड़ा कम होगी । उपरोक्त लाभों के लिए यह प्रयोग प्रतिदिन करना अनिवार्य है । प्रतिदिन सम्भव न हो तो जितने दिन सम्भव हो करे, तब भी लाभ होगा ।*
*🔹धन व विद्या प्रदायक मंत्र🔹*
*🌹 श्रीहरि भगवान सदाशिव से कहते हैं : “हे रूद्र ! भगवान श्री गणेश का यह मंत्र ‘ॐ गं गणपतये नम: ।’ धन और विद्या प्रदान करनेवाला है । १०० बार इसका जप करनेवाला प्राणी अन्य लोगों का प्रिय बन जाता है ।” (गरुड़ पुराण, आचार कांड, अध्याय:१८५ )*
*वह अन्य लोगों का प्रिय तो होगा किंतु ईश्वर का प्रिय होने के लिए जपे तो कितना अच्छा !*
*🔹गौमाता रोग-दोष निवारिणी🔹*
*🔸कमजोर बच्चों के लिए : अत्यधिक निर्बल, रोगी तथा सूखाग्रस्त बच्चों को गाय के थन से सीधे ही धार बच्चे के मुँह में डालें । प्रतिदिन दो-चार धार बच्चे के मुँह में डालने से बच्चे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा ।*
*🔸निर्बल तथा रोगी व्यक्तियों को गाय के धारोष्ण दूध (तुरंत निकाला गया दूध) का झाग चाट चाटकर धीरे-धीरे पीना चाहिए । इस प्रकार मात्र २० मिलिलिटर दूध पीने से ही एक लिटर दूध के बराबर लाभ मिलता है ।*
*🔸चक्कर आना तथा प्यास लगना : गोदुग्ध चक्कर आना, अधिक प्यास लगना, पुराना ज्वर, रक्त विकार आदि तकलीफों को दूर करता है तथा क्रोध को शांत करता है ।*
*🔸आँख में चमक लगना या गर्मी के कारण आँख लाल होना : वैल्डिंग की चमक से या गर्मी के दिनों में तेज धूप से कभी-कभी आँखों में चमक लग जाती है, आँखें लाल हो जाती हैं तथा दर्द करने लगती हैं । इसके निवारण के लिए गाय के दूध में फिटकरी डालकर उसे उबालें ताकि दूध फट जाय । फटे दूध का छैना साफ-स्वच्छ रूई के फाहे पर रख लें । उस छैने को फाहेसहित आँखों पर बाँधकर आराम से लेट जायें । आँखें बहुत जल्दी ठीक हो जाएँगी ।*
*🔸दुग्ध वर्जित : बासी दूध, ठंडा, खट्टा, दुर्गंधयुक्त, फटा, खराब रंग का दूध नहीं पीना चाहिए । कफ, खाँसी, अतिसार, श्वास और गैस के रोगी दूध का प्रयोग न करें । अगर करें तो बताई गई विधि और दवा के साथ ही प्रयोग करें ।*

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