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: आज का पंचांग : - 20 मई 2024 - सोमवार....

*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 20 मई 2024* *⛅दिन - सोमवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - वैशाख* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - द्वादशी दोपहर 03:58 तक तत्पश्चात त्रयोदशी* *⛅नक्षत्र - चित्रा प्रातः 05:46 मई 21 तक तत्पश्चात स्वाति* *⛅योग- सिद्धि दोपहर 12:11 तक तत्पश्चात व्यतिपात* *⛅राहु काल - प्रातः 07:37 से प्रातः 09:16 तक* *⛅सूर्योदय - 05:57* *⛅सूर्यास्त - 07:16* *⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:10 से दोपहर 01:03 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:15 मई 21 से रात्रि 12:58 मई 21 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत* *⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔹व्यतिपात योग - 20 मई 24🔹* *🔸समय अवधि : 20 मई दोपहर 12:11 से 21 मई दोपहर 12:36 तक ।* *🔸व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल १ लाख गुना होता है । - वराह पुराण* *🔹गर्मी के प्रभाव से सुरक्षा हेतु – प्रकृति के उपहार🔹* *🥥नारियल पानी :- नारियल का पानी पित्तशामक, स्वादिष्ट, स्निग्ध और ताजगी प्रदान करनेवाला है । यह प्यास को शांत कर ग्रीष्म ऋतु की उष्णता से सुरक्षा करता है । अत: गर्मियों में नारियल पानी का सेवन विशेष लाभदायी है ।* *🔸लू लगने पर नारियल पानी के साथ काला जीरा पीस के शरीर पर लेप करने से लाभ होता है ।* *🔸प्रतिदिन नारियल खाने व नारियल पानी पीने से शारीरिक शक्ति का विकास होता है, वीर्य की तेजी से वृद्धि होती है । ( अष्टमी को नारियल न खायें । )* *🔸मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है ।* *🥒खीरा : - खीरा शरीर को शीतलता प्रदान करता है । इसमें बड़ी मात्रा में पानी और खनिज तत्त्व पाये जाते हैं ।* *अत: इसके सेवन से शरीर में खनिज तत्त्वों का संतुलन बना रहता हैं । यह मूत्र की जलन शांत करता है एवं यकृत ( लीवर ) के लिए भी हितकारी है । खीरा भूख बढाने के साथ ही आँतों को सक्रिय करता हैं ।* *🔸अधिक पढने – लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें । इससे उनको आराम मिलता है तथा थकावट दूर होती है ।* *🍋नींबू और खीरे 🥒 का रस मिलाकर लगाने से धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक होती है ।* *🍉तरबूज :- ग्रीष्म ऋतुमें प्यास की अधिकता से मुक्ति दिलाता है तरबूज । इसके सेवन से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है और बेचैनी से रक्षा होती है ।* *तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है ।* *🔸गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है ।* *🔸तरबूज के छोटे – छोटे टुकड़ों पर थोडा – सा जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है ।* *☘️धनिया : - धनिया ग्रीष्म ऋतू में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है ।* *🔸१० ग्राम सूखा धनिया व ५ ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में १ गिलास पानी में भिगो दें । प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पियें । यह गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मूँह के छालों में हितकर हैं । धनिया पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा । इससे पेशाब की जलन, गर्मी के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं ।

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