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: आज का पंचाग :- दिनांक 30 मई 2024 , शुभ दिन - गुरुवार...

*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 30 मई 2024* *⛅दिन - गुरूवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - जयेष्ठ* *⛅पक्ष - कृष्ण* *⛅तिथि - सप्तमी प्रातः 11:43 तक तत्पश्चात अष्टमी* *⛅नक्षत्र - धनिष्ठा प्रातः 07:31 तक तत्पश्चात शतभिषा* *⛅योग- वैधृति रात्रि 08:53 तक तत्पश्चात विष्कम्भ* *⛅राहु काल - दोपहर 02:18 से दोपहर 03:59 तक* *⛅सूर्योदय - 05:54* *⛅सूर्यास्त - 07:21* *⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में* *⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक* *⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:10 से दोपहर 01:04 तक* *⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 मई 31 से रात्रि 12:58 मई 31 तक* *⛅व्रत पर्व विवरण - कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी* *⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* *🔸भगवदप्राप्ति के १४ विघ्न🔸* *👉 १) स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही ।* *👉 २) खानपान में अनियमितता ।* *👉 ३) साधन आदि में संदेह ।* *👉 ४) सद्गुरु का संग या सत्संग न मिलना ।* *👉 ५) नियमनिष्ठा न होना ।* *👉 ६) प्रसिद्धि की चाह ।* *👉 ७) कुतर्क ।* *👉 ८) प्राणायाम व जप का नियम छोड़ना ।* *👉 ९) बाहरी सुख में ही संतुष्ट होना ।* *👉 १०) भगवान को छोड़कर संसार की तुच्छ चीजों की कामना करना ।* *👉 ११) ब्रह्मचर्य का अभाव ।* *👉 १२) कुसंग ।* *👉 १३) दोष दर्शन ।* *👉 १४) साम्प्रदायिकता ।* *🔹रोगप्रतिरोधक शक्ति (Immunity) बढाने हेतु सशक्त उपाय 🔹* *🔸१. जो लोग सुबह की शुद्ध हवा में प्राणायाम करते हैं उनमें प्राणबल बढ़ने से रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है और इससे कई रोगकारी जीवाणु मर जाते हैं । जो प्राणायाम के समय एवं उसके अलावा भी गहरा श्वास लेते हैं उनके फेफड़ों के निष्क्रिय पड़े वायुकोशों को प्राणवायु मिलने लगती है और वे सक्रिय हो उठते हैं । फलत: शरीर की कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे मन प्रसन्न रहता है ।* *🔸२. सूर्यकिरणों में अद्भुत् रोगप्रतिकारक शक्ति है । संसार का कोई वैद्य अथवा कोई मानवी उपचार उतना दिव्य स्वास्थ्य और बुद्धि की दृढ़ता नहीं दे सकता है जितना सुबह की कोमल सूर्य-रश्मियों में छुपे ओज-तेज से मिलता है । प्रात:काल सूर्य को अर्घ्य-दान, सूर्यस्नान ( सिर को कपड़े से ढककर ८ मिनट सूर्य की ओर मुख व १० मिनट पीठ करके बैठना ) और सूर्यनमस्कार करने से शरीर ह्रष्ट-पुष्ट व बलवान बनता है ।* *🔸३. तुलसी के १-२ पौधे घर में जरूर होने चाहिए । दूसरी दवाएँ कीटाणु नष्ट करती है लेकिन तुलसी की हवा तो कीटाणु पैदा ही नही होने देती है । तुलसी के पौधे का चहुँ ओर २०० मीटर तक प्रभाव रहता है । जो व्यक्ति तुलसी के ५-७ पत्ते सुबह चबाकर पानी पीता हैं उसकी स्मरणशक्ति बढ़ती है, ब्रह्मचर्य मजबूत होता है । सैकड़ो बीमारियाँ दूर करने की शक्ति तुलसी के पत्तों में है । तुलसी के एक चुटकी बीज रात को पानी में भिगोकर सुबह पीने से आप दीर्घजीवी रहेंगे और बहुत सारी बीमारियों को भगाने में आपकी जीवनीशक्ति सक्षम एवं सबल रहेगी ।* *🔸४. नीम के पत्ते, फल, फूल, डाली, जड़ इन पाँचों चीजों को देशी घी के साथ मिश्रित करके घर में धूप किया जाय तो रोगी को तत्काल आराम मिलता है, रोगप्रतिकारक शक्तिवर्धक वातावरण सर्जित हो जाता है ।* *🔸५. टमाटर, फूलगोभी, अजवायन व संतरा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाते हैं अत: भोजन में इनका उपयोग करें । हल्दी, जीरा, दालचीनी एवं धनिया का उपयोग करें । परिस्थितियों को देखते हुए अल्प मात्रा में लहसुन भी डाल सकते हैं ।* *🔸६. १५० मि.ली. दूध में आधा छोटा चम्मच हल्दी डाल के उबालकर दिन में १-२ बार लें ।* *🔸७. रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने हेतु प्राणदा टेबलेट, ब्राह्म रसायन, होमियो तुलसी गोलियाँ, तुलसी अर्क (१०० मि.ली. पानी में १ से ५ बूँद आयु व प्रकृति अनुसार), होमियों पॉवर केअर आदि का सेवन लाभदायी है ।*

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