
: आज का पंचाग : - दिनांक 28 मई 2024 , शुभ दिन - मंगलवार
Mon, May 27, 2024
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 28 मई 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - जयेष्ठ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पंचमी दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - उत्तरा आषाढ़ा प्रातः 09:33 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग- ब्रह्म रात्रि 02:06 मई 29 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:58 से शाम 05:39 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:20*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:10 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 मई 29 से रात्रि 12:58 मई 29 तक*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)**🔹स्मरणशक्ति, बुद्धि व धारणा शक्ति बढ़ाने के लिए🔹**🔹दिमाग को कमजोर करनेवाली आदतें🔹**🔸१] पर्याप्त नींद न लेना २] अधिक भोजन ३] ज्यादा तली, अधिक मिर्च- मसालेवाली चीजें व बासी भोजन खाना ४] एक समय में एक से अधिक काम में दिमाग लगाना, जैसे कि पढ़ाई करते समय गाने सुनना ५] रात को खूब जागना व सूर्योदय के बाद भी सोते रहना ६] चिंता-तनाव ७] मोबाइल फोन का अति उपयोग ८] चाय- कॉफ़ी पीना ९] रज, वीर्य नाश आदि ।**🔹ये गलत आदतें दिमाग को कमजोर करती हैं । इनसे बचें व नीचे दिये गये उपायों को अपनायें ।**🔹स्मरणशक्ति – वृद्धि व मस्तिष्क-पुष्टि के उपाय**👉 १] देशी गाय के शुद्ध घी से सिर पर मालिश करने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है ।**👉 २] सुबह खाली पेट आँवले का मुरब्बा खाने से ह्रदय और दिमाग को शक्ति मिलती है । १- १ चम्मच आँवला रस व शहद का मिश्रण लेने से स्मृतिशक्ति बढ़ती है ।**👉 ३] सिर में लौकी का तेल लगाने से मस्तिष्क को शक्ति, ठंडक व विश्रांति मिलती है ।**👉 ४] गाय के दूध में घी मिला के पीने से स्मृतिशक्ति व बुद्धि बढ़ती है । असली गोघृत मिले तो अति उत्तम है । बाजारू पैकवाला गोघृत विश्वासयोग्य नहीं होता ।**👉 ५] दीक्षा में प्राप्त सारस्वत्य मंत्र के जप से, भगवन्नाम के जप व ध्यान से स्मरणशक्ति , बुद्धि, निर्णयशक्ति, एकाग्रता,अनुमान शक्ति आदि के साथ सब प्रकार की योग्यताओं का अतुलनीय विकास होता है ।**👉 ६] रोज सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन आदि योगासन एवं भ्रामरी प्राणायाम करने से स्वास्थ्य, बौद्धिक व स्मरण शक्ति का विकास होता है तथा हास्य-प्रयोग करने से प्रसन्नता व स्वास्थ्य का विकास होता है ।**👉 ७] नियोजन व विचार करके कार्य करने की आदत बनाने से बुद्धिशक्ति बढ़ती है ।**👉 ८] लोहे के बर्तन में भोजन करने से बुद्धि का नाश होता है (उसमें भोजन बनाना हितकारी है ) । माइक्रोवेव ओवन से बने भोजन से याददाश्त व एकाग्रता में कमी, भावनात्मक अस्थिरता और बुद्धि की हानि होने की सम्भावना रहती है । स्टील के बर्तन में बुद्धिनाश का दोष नहीं माना जाता । काँसे के पात्र बुद्धिवर्धक तथा रूचि उत्पन्न करनेवाले होते हैं ( चतुर्मास में काँसे के पात्र का उपयोग वर्जित है ) ।**👉 ९] रोज सिरहाने के पास गुलाब का फूल रख के सोने से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है व मस्तिष्क शांत रहता है । मानसिक तनाव हो तो गुलाब को नियमित रूप से सूँघने से लाभ होगा ।**👉 १०] नित्य सूर्योदय से पूर्व उठें । प्रात:काल वातावरण में प्राणवायु और ऋणायन प्रचुरता में होते हैं । इस समय उठ के प्राणायाम एवं पैदल सैर करने से ताजा ऑक्सिजन मिलता है । ऋणायन से शरीर, मन – मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है । जो विद्यार्थी प्रात: उठ के पढ़ते हैं उनका वह पढ़ा हुआ दिमाग की गहराई में सुरक्षित हो जाता है अर्थात लम्बे समय तक याद रहता है ।**👉 ११] शोधों से सिद्ध हुआ हैं कि कागज पर बनाये गये संक्षिप्त आलेखों से दिमाग तेज होता है । विद्यार्थियों को अपने संक्षिप्त आलेख कम्प्यूटर, टेबलेटस, मोबइल फोन पर बनाने के बजाय कागज पर बनाने चाहिए ।**👉 १२] चुस्ततापूर्वक ब्रह्मचर्य का पालन करें ।**🔹विशेष : शंखपुष्पी सिरप, च्यवनप्राश, ब्राह्मी शरबत, तुलसी अर्क, ब्राह्मी घृत, आँवला चूर्ण आदि औषधियों के उपयोग से स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति और एकाग्रता बढ़ाने में अदभुत लाभ होता है ।

: आज का पंचाग :- दिनांक - 27 मई 2024 - शुभ दिन - सोमवार...
Sun, May 26, 2024
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 27 मई 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - जयेष्ठ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्थी शाम 04:53 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा प्रातः 10:13 तक तत्पश्चात उत्तरा आषाढ़ा*
*⛅योग- शुभ प्रातः 06:37 तक तत्पश्चात शुक्ल प्रातः 04.28 मई 28 तक*
*⛅राहु काल - प्रातः 07:35 से प्रातः 09:16 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:19*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:10 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 मई 28 से रात्रि 12:58 मई 28 तक*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)**🔹विघ्न बाधा निवारक प्रयोग🔹**🔸हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के प्रवेश द्वार पर ʹૐʹ बना दें । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है । केवल हल्दी के घोल से भी ʹૐʹ लिखें तो यही फल प्राप्त होगा ।**🔹लक्ष्मीवर्धक प्रयोग🔹**🔸ʹश्री हरि... श्री हरि... श्री हरिʹ थोड़ी देर जप करें । तीन बार जपने से एक मंत्र हुआ । उत्तराभिमुख होकर इस मंत्र की 1-2 माला शांतिपूर्वक करें और चलते-फिरते भी इसका जप करें तो विशेष लाभ होगा और रोजी रोटी के साथ ही शांति, भक्ति और आनंद भी बढ़ेगा ।**🔸जल में गौमूत्र मिलाकर स्नान करने से पापों का नाश होता है । दही लगाकर स्नान करने से लक्ष्मी बढ़ती है । (अग्नि पुराणः 267,6,7)**🔸लक्ष्मी की इच्छा रखने वाले को दूध खुला नहीं छोड़ना चाहिए, ढककर रखना चाहिए ।**🔹स्मृति एवं स्वास्थ्य वर्धक प्रयोग : आश्रम की गौ चंदन (स्पेशल) धूपबत्ती जलाने से वातावरण ऋणायनों से समृद्ध हो जाता है और कमरा बंद करके उसके पवित्र वातावरण में प्राणायाम करने से स्मृतिशक्ति, आरोग्यशक्ति, रोगप्रतिकारक शक्ति में बढ़ोतरी होती है ।**🔹बोधायन ऋषि प्रणीत दरिद्रतानाशक प्रयोग🔹**🔸28 दिन (4 सप्ताह) तक सफेद बछड़े वाली सफेद गाय के दूध की खीर बनायें । खीर बनाते समय दूध को ज्यादा उबालना नहीं चाहिए । चावल पानी में पकायें, फिर दूध डालकर एक-दो उबाल दे दें । उस खीर का सूर्यनारायण को भोग लगायें सूर्यनारायण का स्मरण करें और खीर को देखते-देखते एक हजार बार ओंकार का जप करें । फिर स्वयं भोग लगायें । जप के प्रारम्भ में यह विनियोग बोलें – ૐकार मंत्र गायत्री छंदः अंतर्यामी ऋषि परमात्मा देवता अंतर्यामी प्रीतिअर्थे, परमात्मप्राप्ति अर्थे जपे विनियोग । इससे ब्रह्मचर्य की रक्षा होगी, तेजस्विता बढ़ेगी तथा सात जन्मों की दरिद्रता दूर होकर सुख-सम्पदा की प्राप्ति होगी ।**🔹पित्त की समस्याओं के लिए🔹**🔸मोबाइल फोन से सिरदर्द, आँखों की जलन और बहुत सारी गड़बड़ियाँ पायी गयी हैं । अत: मोबाइल का उपयोग कम करें । जिनको सिरदर्द हो या आँखों में जलन हो, मुँह में छाले हों उनको पित्त की तकलीफ है । वे सुबह मंजन करते समय एक कटोरी में ठंडा पानी लें, उसका एक कुल्ला मुँह में रखें, बाकी के पानी में एक-एक आँख डुबा के आधा-आधा, एक-एक मिनट मिचकाये फिर मुँह का पानी बाहर कुल्ला कर दें तो मस्तक में चढ़ी हुई गर्मी आँखों व दाँतों के द्वारा भी नीचे आयेगी । सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और सर्वप्रथम अपने सिर पर पानी डालें । पहले पैरों पर पानी डालने से पैरों की गर्मी सिर पर चढ़ती हैं ।**लोक कल्याण सेतु – अप्रैल- मई २०२० से**🔹स्वास्थ्य-रक्षा के सरल प्रयोग🔹**🔸रक्तवृद्धि : बेल के फल को सुखा के उसके गूदे का चूर्ण बना लें । यह चूर्ण और मिश्री दूध में मिलाकर लेने से खून की बढ़ोतरी होती है । गन्ना चूसने से भी खून बढ़ता है । बीट (जो गोल-गोल और लाल होते हैं, जिसकी सब्जी बनती है) की कैंडी बना के रखें । उसका उपयोग करने से भी खून बढ़ता है ।**🔸शीतलता व पुष्टि के लिए : जौ, चावल गेहूँ और चने का सत्तू बना लें और इसमें ठंडा पानी मिलाकर घोल बनायें । मीठा खाना है तो मिश्री डाल दें, नमकीन खाना हो तो नमक डाल दें, जैसी मर्जी हो । थोड़ा घी मिला लें । इसे खाने से शीतलता व पुष्टि की प्राप्ति के साथ ब्रह्मचर्य की रक्षा होगी ।*
*🌞🚩🚩 *" ll जय श्री राम ll "* 🚩🚩🌞*
: आज का पंचाग :- दिनांक - 26 मई 2024 - शुभ दिन रविवार...
Sat, May 25, 2024
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 26 मई 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - जयेष्ठ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया शाम 06:06 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - मूल प्रातः 10:36 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग- साध्य प्रातः 08:31 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - शाम 05:38 से शाम 07:19 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:19*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:10 से दोपहर 01:04 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 मई 27 से रात्रि 12:58 मई 27 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - एकदंत संकष्ट चतुर्थी*
*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुवृद्धि करता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔸संकष्ट चतुर्थी - 25 मई 2024🔸**🔸क्या है संकष्ट चतुर्थी ?**🔹संकष्ट चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी । संकष्ट संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।**🔹इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है । पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है । इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं । संकष्ट चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है ।**🔸संकष्ट चतुर्थी पूजा विधि🔸**🔹गणपति में आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न कर अपने मनचाहे फल की कामना करते हैं ।**👉 इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएँ ।**👉 व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें । इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है ।**👉 स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें । गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए ।**👉 सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें ।**👉 पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें ।**👉 ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें । ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है ।**👉 गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें ।**👉 संकष्टी को भगवान् गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं ।**👉 गणपति के सामने धूप-दीप जला कर निम्लिखित मन्त्र का जाप करें ।**गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।*
*उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।**👉 पूजा के बाद आप फल फ्रूट्स आदि प्रसाद सेवन करें ।**👉 शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्ट व्रत कथा का पाठ करें ।**👉 पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें । रात को चाँद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्ट चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है।